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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2 भूगोल

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :200
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2777
आईएसबीएन :0

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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2 भूगोल - सरल प्रश्नोत्तर

प्रश्न- विद्युत चुम्बकीय स्पेक्ट्रम के सम्बन्ध में विस्तार से अपने विचार रखिए।

उत्तर -

विद्युत चुम्बकीय स्पेक्ट्रम

वह स्पेक्ट्रम जिसमें कॉस्मिक किरणों से लेकर रेडियो तरंगों के सभी तरंग दैर्ध्य शामिल होते हैं उसे विद्युत स्पेक्ट्रम कहते हैं। यदि हम किसी अंधेरे कमरे में सूर्य के प्रकाश की किसी किरण को किसी प्रिज्म की सहायता से सफेद पर्दे पर प्रक्षेपित करें तो उस पर्दे पर बहु-रंगीन पट्टी बन जाती है। जिसे प्रकाश स्पेक्ट्रम (Light Spectrum) कहते हैं जो विद्युत चुम्बकीय स्पेक्ट्रम का अति लघु रूप है। इस पर बैंगनी, जामुनी, नीला, हरा, पीला, नारंगी व लाल रंग (VIBGYOR) दृश्यगोचर होने के कारण इसे दृश्य स्पेक्ट्रम (Visible Spectrum) भी कहते हैं। दृश्य स्पेक्ट्रम के लाल रंग में सबसे लम्बी तरंग दैर्ध्य व बैंगनी रंग की सबसे छोटी तरंग दैर्ध्य होती है। सूर्य के प्रकाश का स्पेक्ट्रम केवल लाल रंग से लेकर बैंगनी रंग तक ही सीमित नहीं है बल्कि यह लाल रंग से ऊपर तथा बैंगनी रंग से नीचे भी काफी विस्तार में फैला हुआ होता है। ये भाग नंगी आँखों से नहीं दिखाई देता है जिन्हें अदृश्य स्पेक्ट्रम कहते हैं। लाल रंग के ऊपर बड़ी तरंग दैर्ध्य वाले भाग को अवरक्त स्पेक्ट्रम तथा बैंगनी रंग से नीचे छोटी तरंग दैर्ध्य वाले भाग को पराबैंगनी स्पेक्ट्रम कहते हैं। इन्हीं के माध्यम से 'X' किरणों, गामा किरणों तथा रेडियो तरंगों का आविष्कार हुआ। ये सभी विकिरण (दृश्य स्पेक्ट्रमों सहित) विद्युत चुम्बकीय है। तरंग दैर्ध्य के मानों के आधार पर विद्युत चुम्बकीय स्पेक्ट्रम का वर्गीकरण किया गया। विद्युत चुम्बकीय स्पेक्ट्रम के विभिन्न बड़े-बड़े प्रदेश हैं, जिनका वर्णन निम्न प्रकार किया जा सकता है-

(1) गामा किरण क्षेत्र - इस क्षेत्र की तरंग दैर्ध्य 0.03um से कम होती है। इसकी विशेषता यह है कि यह क्षेत्र वायुमण्डल के ऊपरी भाग द्वारा विकिरण ऊर्जा का पूर्णतः अवशोषण कर लेता है अवशोषण होने के कारण सुदूर संवेदन लिये विकिरण की प्राप्ति नहीं हो पाती है।

(2) एक्स-किरण क्षेत्र - एक्स किरणों की तरंग दैर्ध्य 0.03 से 30.0um तक होती है। वायुमण्डल में पूर्णतः अवशोषित हो जाने के कारण इन किरणों का भी सुदूर संवेदन के क्षेत्र में प्रयोग नहीं हो पाता है।

(3) पराबैंगनी क्षेत्र - इन किरणों का तरंग दैर्ध्य व्यास क्षेत्र 0.03 से 0.4 नैनो मीटर तक होता है। इस क्षेत्र की विशेषता यह है कि 0.03um से कम तरंग दैर्ध्य के विकिरण का ऊपरी वायुमण्डल की ओजोन गैस में पूर्णतः अवशोषण कर लिया जाता है। पराबैंगनी क्षेत्र में, दृश्य तरंग दैर्ध्य के बैंगनी सम्भाग के बाद पड़ता है। पृथ्वी के धरातल के पदार्थ मुख्यतः चट्टानें तथा खनिज दृश्य पराबैंगनी विकिरण को छोड़ते हैं जबकि पराबैंगनी विकिरण अधिकतर पृथ्वी के वायुमण्डल द्वारा प्रकीर्णित कर दिया जाता है। इस कारण इन किरणों का भी सुदूर संवेदन में उपयोग नहीं किया जाता है।

(4) फोटोग्राफिक पराबैंगनी बैण्ड - इस क्षेत्र की तरंग दैर्ध्य का विस्तार 0.03 से 0.4 माइक्रो मीटर तक होता है। इस क्षेत्र के वायुमण्डल में विकिरण का पारगमन सम्भव होता है, लेकिन अधिक प्रकीर्णन फिल्म और फोटो संसूचकों के द्वारा संवेदन सम्भव होता है।

(5) दृश्य क्षेत्र - दृश्य क्षेत्र की तरंग दैर्ध्य का विस्तार 0.4 से 0.7 माइक्रो मीटर तक होता है। इस क्षेत्र को फिल्म व फोटो संसूचकों से संवेदन के योग्य माना जाता है। दृश्य क्षेत्र ऊर्जा का सबसे अधिकतम परावर्तनशील हरा बैण्ड होता है, जिसकी तरंग दैर्ध्य 0.5 माइक्रोमीटर होती है। यह विद्युत चुम्बकीय स्पेक्ट्रम का ऐसा प्रकाश होता है, जिसे हमारी आँखें संसूचन कर सकती हैं। दृश्य क्षेत्र में नीला, हरा तथा लाल रंग के दृश्य स्पेक्ट्रम प्रमुख रूप से पाए जाते हैं। इन्हें प्रारम्भिक रंग भी कहते हैं क्योंकि अन्य सभी रंग इन तीन रंगों के अलग-अलग मात्रा के मिश्रण से तैयार किये जा सकते हैं। किसी वस्तु के रंगों को उसके प्रकाश के परावर्तन रंगों द्वारा स्पष्ट किया जाता है।

(6) अवरक्त किरणों का क्षेत्र - अवरक्त किरणों का तरंग दैर्ध्य परास क्षेत्र 0.7 से 100 माइक्रो मीटर के मध्य होता है। इस क्षेत्र की किरणों की ऊर्जा तरंग दैर्ध्य पर निर्भर करती है। इस क्षेत्र की विशेषता यह है कि अवशोषण बैण्डों के द्वारा वायुमण्डलीय पारगमन खिड़कियों का पृथक्करण कर दिया जाता है। इसका विभाजन निम्न दो श्रेणियों में किया जाता है-

(i) परावर्तित अवरक्त बैण्ड - इनकी तरंगों का परास 0.7 से 3 माइक्रो मीटर के मध्य होता है। इस क्षेत्र की तरंगों को निकट अवरक्त बैण्ड भी कहा जाता है। इनकी विशेषता यह है कि इस बैण्ड की तरंगों में परावर्तित सौर विकिरण में पदार्थों के तापीय लक्षणों का पूर्णतः अभाव पाया जाता है। 0.7 से 0.9 माइक्रो मीटर तक की तरंगों का अन्तराल ( अर्थात् फोटोग्राफीय अवरक्त बैण्ड) फिल्म से संवेदन योग्य होता है।

(ii) तापीय अवरक्त बैण्ड - तापीय अवरक्त बैण्ड क्षेत्र की तरंगों का परास क्षेत्र 3 से 5 माइक्रो मीटर के मध्य माना जाता है। तापीय क्षेत्र की प्रमुख वायुमण्डलीय खिड़कियाँ, प्रकाशिक यांत्रिक क्रमवीक्षकों एवं विशिष्ट वीडियो प्रणाली से प्रतिबिम्बों की प्राप्ति करने में सक्षम होती है। यह फिल्म से असंवेदनशील श्रेणी में होती है। इस क्षेत्र को मध्य अवरक्त बैण्ड भी कहते हैं।

(7) लघु तरंग क्षेत्र - इस क्षेत्र की तरंगों का परास 0.1 से 30 सेमी के मध्य होता है। इन तरंगों की विशेषता यह है कि ये तरंगे मेघ, कोहरा और वर्षा में प्रवेश करने की क्षमता रखती हैं। इनके माध्यम से लम्बे तरंग दैर्ध्य सक्रिय और निष्क्रिय दोनों विधियों से प्रतिबिम्बों की प्राप्ति सम्भव है। इनका प्रयोग रडार के द्वारा सक्रिय फोटोग्राफी में भी किया जाता है।

(8) रेडियो तरंगों का क्षेत्र - जिन तरंगों की तरंग दैर्ध्य का परास क्षेत्र 30 सेमी से अधिक होता है उन्हें रेडियो तरंगें कहते हैं। यह विद्युत चुम्बकीय स्पेक्ट्रमों में सबसे लम्बी तरंग दैर्ध्य होती है। इनका प्रयोग वाणिज्य प्रसारण तथा जलवायु सम्बन्धी सूचनाओं के लिए किया जाता है।

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- सुदूर संवेदन से आप क्या समझते हैं? विभिन्न विद्वानों के सुदूर संवेदन के बारे में क्या विचार हैं? स्पष्ट कीजिए।
  2. प्रश्न- भूगोल में सुदूर संवेदन की सार्थकता एवं उपयोगिता पर विस्तृत लेख लिखिए।
  3. प्रश्न- सुदूर संवेदन के अंतर्राष्ट्रीय विकास पर टिप्पणी कीजिए।
  4. प्रश्न- सुदूर संवेदन के भारतीय इतिहास एवं विकास पर प्रकाश डालिए।
  5. प्रश्न- सुदूर संवेदन का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
  6. प्रश्न- सुदूर संवेदन को परिभाषित कीजिए।
  7. प्रश्न- सुदूर संवेदन के लाभ लिखिए।
  8. प्रश्न- सुदूर संवेदन के विषय क्षेत्र पर टिप्पणी लिखिए।
  9. प्रश्न- भारत में सुदूर संवेदन के उपयोग पर संक्षिप्त लेख लिखिए।
  10. प्रश्न- सुदूर संवेदी के प्रकार लिखिए।
  11. प्रश्न- सुदूर संवेदन की प्रक्रियाएँ एवं तत्व क्या हैं? वर्णन कीजिए।
  12. प्रश्न- उपग्रहों की कक्षा (Orbit) एवं उपयोगों के आधार पर वर्गीकरण प्रस्तुत कीजिए।
  13. प्रश्न- भारत के कृत्रिम उपग्रहों के कुछ उदाहरण प्रस्तुत कीजिए।
  14. प्रश्न- कार्य के आधार पर उपग्रहों का विभाजन कीजिए।
  15. प्रश्न- कार्यप्रणाली के आधार पर सुदूर संवेदी उपग्रह कितने प्रकार के होते हैं?
  16. प्रश्न- अंतर वैश्विक स्थान निर्धारण प्रणाली से आप क्या समझते हैं?
  17. प्रश्न- भारत में उपग्रहों के इतिहास पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  18. प्रश्न- भू-स्थाई उपग्रह किसे कहते हैं?
  19. प्रश्न- ध्रुवीय उपग्रह किसे कहते हैं?
  20. प्रश्न- उपग्रह कितने प्रकार के होते हैं?
  21. प्रश्न- सुदूर संवेदन की आधारभूत संकल्पना का वर्णन कीजिए।
  22. प्रश्न- विद्युत चुम्बकीय स्पेक्ट्रम के सम्बन्ध में विस्तार से अपने विचार रखिए।
  23. प्रश्न- वायुमण्डलीय प्रकीर्णन को विस्तार से समझाइए।
  24. प्रश्न- विद्युत चुम्बकीय स्पेक्ट्रमी प्रदेश के लक्षण लिखिए।
  25. प्रश्न- ऊर्जा विकिरण सम्बन्धी संकल्पनाओं पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए। ऊर्जा
  26. प्रश्न- स्पेक्ट्रल बैण्ड से आप क्या समझते हैं?
  27. प्रश्न- स्पेक्ट्रल विभेदन के बारे में अपने विचार लिखिए।
  28. प्रश्न- सुदूर संवेदन की विभिन्न अवस्थाओं का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए।
  29. प्रश्न- सुदूर संवेदन की कार्य प्रणाली को चित्र सहित समझाइये |
  30. प्रश्न- सुदूर संवेदन के प्रकार और अनुप्रयोगों का वर्णन कीजिए।
  31. प्रश्न- विद्युत चुम्बकीय वर्णक्रम पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  32. प्रश्न- सुदूर संवेदन के प्लेटफॉर्म से आपका क्या आशय है? प्लेटफॉर्म कितने प्रकार के होते हैं?
  33. प्रश्न- सुदूर संवेदन के वायुमण्डल आधारित प्लेटफॉर्म की विस्तृत विवेचना कीजिए।
  34. प्रश्न- भू-संसाधन उपग्रहों को विस्तार से समझाइए।
  35. प्रश्न- 'सुदूर संवेदन में प्लेटफार्म' से आप क्या समझते हैं?
  36. प्रश्न- वायुयान आधारित प्लेटफॉर्म उपग्रह के लाभ और कमियों का वर्णन कीजिये।
  37. प्रश्न- विभेदन से आपका क्या आशय है? इसके प्रकारों का भी विस्तृत वर्णन कीजिए।
  38. प्रश्न- फोटोग्राफी संवेदक (स्कैनर ) क्या है? इसके विभिन्न प्रकारों का वर्णन कीजिए।
  39. प्रश्न- सुदूर संवेदन में उपयोग होने वाले प्रमुख संवेदकों (कैमरों ) का वर्णन कीजिए।
  40. प्रश्न- हवाई फोटोग्राफी की विधियों की व्याख्या कीजिए एवं वायु फोटोचित्रों के प्रकार बताइये।
  41. प्रश्न- प्रकाशीय संवेदक से आप क्या समझते हैं?
  42. प्रश्न- सुदूर संवेदन के संवेदक से आपका क्या आशय है?
  43. प्रश्न- लघुतरंग संवेदक (Microwave sensors) को समझाइये |
  44. प्रश्न- प्रतिबिंब निर्वचन के तत्वों का उदाहरण सहित वर्णन कीजिए।
  45. प्रश्न- सुदूर संवेदन में आँकड़ों से क्या तात्पर्य है?
  46. प्रश्न- उपग्रह से प्राप्त प्रतिबिंबों का निर्वचन किस प्रकार किया जाता है?
  47. प्रश्न- अंकिय बिम्ब प्रणाली का वर्णन कीजिए।
  48. प्रश्न- डिजिटल इमेज प्रक्रमण से आप क्या समझते हैं? डिजिटल प्रक्रमण प्रणाली को भी समझाइए।
  49. प्रश्न- डिजिटल इमेज प्रक्रमण के तहत इमेज उच्चीकरण तकनीक की विस्तृत व्याख्या कीजिए।
  50. प्रश्न- बिम्ब वर्गीकरण प्रक्रिया को विस्तार से समझाइए।
  51. प्रश्न- इमेज कितने प्रकार की होती है? समझाइए।
  52. प्रश्न- निरीक्षणात्मक बिम्ब वर्गीकरण और अनिरीक्षणात्मक बिम्ब वर्गीकरण के मध्य अंतर स्पष्ट कीजिए।
  53. प्रश्न- भू-विज्ञान के क्षेत्र में सुदूर संवेदन ने किस प्रकार क्रांतिकारी सहयोग प्रदान किया है? विस्तार से समझाइए।
  54. प्रश्न- समुद्री अध्ययन में सुदूर संवेदन किस प्रकार सहायक है? विस्तृत विवेचना कीजिए।
  55. प्रश्न- वानिकी में सुदूर संवेदन के अनुप्रयोगों का विस्तार से वर्णन कीजिए।
  56. प्रश्न- कृषि क्षेत्र में सुदूर संवेदन प्रौद्योगिकी की भूमिका का सविस्तार वर्णन कीजिए। साथ ही, भारत में कृषि की निगरानी करने के लिए सुदूर संवेदन प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने हेतु सरकार द्वारा आरम्भ किए गए विभिन्न कार्यक्रमों को भी सूचीबद्ध कीजिए।
  57. प्रश्न- भूगोल में सूदूर संवेदन के अनुप्रयोगों पर टिप्पणी लिखिए।
  58. प्रश्न- मृदा मानचित्रण के क्षेत्र में सुदूर संवेदन के अनुप्रयोगों की संक्षिप्त व्याख्या कीजिए।
  59. प्रश्न- लघु मापक मानचित्रण और सुदूर संवेदन के मध्य सम्बन्ध स्थापित कीजिए।
  60. प्रश्न- भौगोलिक सूचना तंत्र का अर्थ, परिभाषा एवं कार्यक्षेत्र की व्याख्या कीजिए।
  61. प्रश्न- भौगोलिक सूचना प्रणाली के भौगोलिक उपागम से आपका क्या आशय है? इसके प्रमुख चरणों का भी वर्णन कीजिए।
  62. प्रश्न- भौगोलिक सूचना प्रणाली के विकास की विवेचना कीजिए।
  63. प्रश्न- भौगोलिक सूचना प्रणाली का व्याख्यात्मक वर्णन प्रस्तुत कीजिए।
  64. प्रश्न- भौगोलिक सूचना प्रणाली के उपयोग क्या हैं? विस्तृत विवरण दीजिए।
  65. प्रश्न- भौगोलिक सूचना तंत्र (GI.S.)से क्या तात्पर्य है?
  66. प्रश्न- भौगोलिक सूचना तंत्र के विकास पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  67. प्रश्न- भौगोलिक सूचना तंत्र के उद्देश्य बताइये।
  68. प्रश्न- भौगोलिक सूचना तंत्र का कार्य क्या है?
  69. प्रश्न- भौगोलिक सूचना तंत्र के प्रकार समझाइये |
  70. प्रश्न- भौगोलिक सूचना तंत्र की अभिकल्पना का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
  71. प्रश्न- भौगोलिक सूचना तंत्र के क्या लाभ हैं?
  72. प्रश्न- भौगोलिक सूचना प्रणाली में उपयोग होने वाले विभिन्न उपकरणों का वर्णन कीजिए।
  73. प्रश्न- भौगोलिक सूचना प्रणाली में कम्प्यूटर के उपयोग का विस्तृत विवरण प्रस्तुत कीजिए।
  74. प्रश्न- GIS में आँकड़ों के प्रकार एवं संरचना पर प्रकाश डालिये।
  75. प्रश्न- भौगोलिक सूचना प्रणाली के सन्दर्भ में कम्प्यूटर की संग्रहण युक्तियों का वर्णन कीजिए।
  76. प्रश्न- आर्क जी०आई०एस० से आप क्या समझते हैं? इसके प्रशिक्षण और लाभ के संबंध में विस्तृत व्याख्या कीजिए।
  77. प्रश्न- भौगोलिक सूचना प्रणाली में प्रयोग होने वाले हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
  78. प्रश्न- ERDAS इमेजिन सॉफ्टवेयर की अपने शब्दों में समीक्षा कीजिए।
  79. प्रश्न- QGIS (क्यू०जी०आई०एस०) के संबंध में एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  80. प्रश्न- विश्वस्तरीय सन्दर्भ प्रणाली से आपका क्या आशय है? निर्देशांक प्रणाली के प्रकारों का वर्णन कीजिए।
  81. प्रश्न- डाटा मॉडल अर्थात् आँकड़ा मॉडल से आप क्या समझते हैं? इसके कार्य, संकल्पना और उपागम का वर्णन कीजिए।
  82. प्रश्न- रॉस्टर मॉडल की विवेचना कीजिए। इस मॉडल की क्षमताओं का भी वर्णन कीजिए।
  83. प्रश्न- विक्टर मॉडल की विस्तृत विवेचना कीजिए।
  84. प्रश्न- कार्टोग्राफिक संकेतीकरण त्रिविम आकृति एवं मानचित्र के प्रकार मुद्रण विधि का वर्णन कीजिए।
  85. प्रश्न- रॉस्टर मॉडल की कमियों और लाभ का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
  86. प्रश्न- विक्टर मॉडल की कमियों और लाभ के सम्बन्ध में अपने विचार लिखिए।
  87. प्रश्न- रॉस्टर और विक्टर मॉडल के मध्य अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  88. प्रश्न- डेटाम पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।

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